“सुन्दरकाण्ड पाठ”

सकल सुमंगल दायक रघुनायक गुन गान ।
सादर सुनहिं ते तरहिं भव सिंधु बिना जलजान ।।

       श्रीरघुनाथजी का गुणगान सम्पुर्ण सुन्दर मंगलोका देनेवाला है ।
जो इसे आदर सहित सुनेंगे, वे बिना किसी जहाज (अन्य साधन) के ही भवसागर को तर जायेंगे ।।

मानस सत्संग के द्वारा संगीतमय सुन्दरकाण्ड पाठ सामूहिक रुप सें कीया जाता है । आये हुए सभी साधको को पठन हेतु पुस्तक दीया जाता है । सुन्दरकाण्ड पठन एक साधना है । पूर्ण मनोयोग एवं भावपूर्वक सुन्दरकाण्ड पठन-गान-श्रवण सें साधक को भगवतकृपानुभूति अवश्य होती है । जीवन के सभी काण्डको सुन्दर बनानेवाला यह काण्ड है ।

श्री हनुमानजी का आह्वान (आरंभ)
श्री गणेशवंदना
सुन्दरकाण्ड पाठ (भाव अनुसार राग, सुर-ताल के साथ)
श्रीहनुमानचालीसा
सुन्दरकाण्ड महिमा कथन
श्रीरामायणजीकी आरती
श्रीहनुमानजीकी आरती
कथा विसर्जन (पूर्णाहुति)

समयावधिः २.०० से २.३०घंटे