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“मानस सत्संग”

श्री हनुमानजी की पूर्ण कृपा से एवं अयोध्यानाथजी भगवान की महती अनुकंपा से व संत श्री गोस्वामीजी तुलसीदासजी महाराजजी के अनंत आशीर्वाद से “मानस सत्संग” विश्वभर में श्रीरामचरितमानस के प्रचार हेतु प्रवृति कर रहा है । हम सभी जानते है कि रामचरितमानस के रचयिता संत श्री तुलसीदासजी है। यह ग्रन्थ भारतीय संस्कृति का सारभूत ग्रन्थ है । केवल भारतीय साहित्य में ही नहि बल्कि विश्व साहित्य में इस ग्रन्थ का सर्वोच्य स्थान है । यह मानव जीवन का महाकाव्य है । हमारे जीवन की समस्त सामाजिक एवं आध्यात्मिक समस्या का हल है।

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श्री धवलकुमार

मानस सत्संग के स्थापक एवं प्रणेता श्री धवलकुमारजी है । जो अपनी बारह साल की आयु सें सुन्दरकाण्ड पाठ प्रचार हेतु तबला के साथ संगीतमय शैली में सुन्दरकाण्ड पाठ करते है । अपनी छोटी सी उम्र से हीं कई संस्थाएं एवं वक्ताश्रीओं के साथ उनका अनुसन्धान हुआ । गुजरात के कई गॉव-शहर के साथ साथ भारत के कई राज्य ( जैसे महाराष्ट्र, दिल्ही, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ ) में सुन्दरकाण्ड पाठ करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है । अमरिका, औस्ट्रेलिआ, जैसे विदेशों में भी संगीतमय सुन्दरकाण्ड पाठ, सुन्दरकाण्ड कथा, श्रीरामकथा हेतु यात्रा कर चूंके है । सत्संग यात्रा के साथ साथ अभ्यास में संस्कृत विषय को मुख्य रुप सें स्वीकार करके बी.ए , एम.ए ( सुवर्ण चंद्रक ) , एम.फील, तक अभ्यास पूर्ण किया ।

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रामकथा - श्री धवलकुमार

सुन्दरकाण्ड पाठ - श्री धवलकुमार